झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के सह-संस्थापक शिबू सोरेन उर्फ़ ‘गुरुजी’ का सोमवार को दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे और लंबे समय से किडनी संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। बीते एक महीने से उनका इलाज चल रहा था।



इस दुखद समाचार की पुष्टि उनके पुत्र और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की।
VIDEO | Jharkhand CM Hemant Soren (@HemantSorenJMM) briefs the media on the demise of his father and former CM Shibu Soren. He says,
— Press Trust of India (@PTI_News) August 4, 2025
"Today is a very sad day. The leader of the tribals, Dishom Guru, is no more with us. He breathed his last this morning. He was battling illness… pic.twitter.com/LxplMBsBi5
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपना दुख व्यक्त करते हुए लिखा,
आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं।
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 4, 2025
आज मैं शून्य हो गया हूँ…
झारखंड में तीन दिन का राजकीय शोक घोषित
शिबू सोरेन के निधन की खबर फैलते ही पूरे झारखंड में शोक की लहर दौड़ गई। राज्य सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है और झामुमो पार्टी के झंडे झुका दिए गए हैं।
झारखंड राज्य निर्माता दिशोम गुरु शिबू सोरेन अमर रहें!
— Jharkhand Mukti Morcha (@JmmJharkhand) August 4, 2025
स्व दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी का पार्थिव शरीर रांची एयरपोर्ट से आवास हेतु प्रस्थान https://t.co/hZJ0rR4wx9
प्रधानमंत्री मोदी ने दी shibu soren को श्रद्धांजलि
जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस दुखद समाचार की जानकारी मिली, वह तुरंत सर गंगा राम अस्पताल पहुँचे और शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया। उन्होंने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके योगदान को याद किया।

मंगलवार को होगा shibu soren का अंतिम संस्कार
पारिवारिक सूत्रों के अनुसार,गुरुजी का अंतिम संस्कार मंगलवार को उनके पैतृक गांव में किया जाएगा। इससे पहले,मंगलवार सुबह उनका पार्थिव शरीर झामुमो पार्टी कार्यालय में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा, जहां कार्यकर्ता और आमजन उन्हें अंतिम विदाई दे सकेंगे। इसके बाद पार्थिव शरीर को झारखंड विधानसभा ले जाया जाएगा, जहां राज्य के जनप्रतिनिधि और अधिकारी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
झारखंड आंदोलन के प्रणेता थे shibu soren
शिबू सोरेन सिर्फ एक राजनेता नहीं बल्कि झारखंड राज्य आंदोलन के प्रतीक थे। आदिवासी अधिकारों और सामाजिक न्याय के लिए उनका संघर्ष आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देता रहेगा।
झारखंड की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है, लेकिन ‘गुरुजी’ की विरासत हमेशा जीवित रहेगी।