पाकिस्तान को लगा तगड़ा झटका, अंतर्राष्ट्रीय मंच पर फंसा
दोस्तों, हाल ही में हुई SCO (Shanghai Cooperation Organization) समिट में भारत को एक बहुत बड़ी कूटनीतिक जीत मिली है। यह जीत इतनी महत्वपूर्ण है कि इसे आने वाले सालों तक याद रखा जाएगा।
क्या था पहलगाम का मामला?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक खौफनाक आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में कई बेकसूर लोगों की जान चली गई थी। भारतीय खुफिया एजेंसियों की जांच में पता चला कि इस हमले के पीछे ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ का हाथ था, जो दरअसल पाकिस्तान की आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा है।
भारत ने सबूतों के साथ पूरी दुनिया के सामने साफ-साफ कहा कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ है।
पहली बार में मिली थी निराशा
जब भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन गए थे, तो SCO की संयुक्त घोषणा में पहलगाम हमले का कोई जिक्र नहीं था। उल्टे पाकिस्तान और बलूचिस्तान की बात लिखी गई थी।
राजनाथ सिंह ने दिखाई थी मजबूत स्टैंड – उन्होंने इस घोषणा पर साइन करने से साफ इनकार कर दिया था।
PM मोदी की चीन यात्रा ने बदला खेल

दो महीने बाद प्रधानमंत्री मोदी की चीन यात्रा में पूरी तस्वीर ही बदल गई। इस बार SCO समिट की संयुक्त घोषणा में पहलगाम हमले की जोरदार निंदा की गई। सभी सदस्य देशों ने इस पर अपनी मुहर लगाई।
घोषणा में साफ तौर पर लिखा गया कि इस हमले के अपराधियों, आयोजकों और प्रायोजकों को बिना देरी के न्याय के कटघरे में लाया जाए।
PM मोदी के तीन मुख्य संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने समिट में तीन अहम बातें कहीं:
1. सुरक्षा (Security)
- आतंकवाद को क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़े खतरे के रूप में पेश किया
- दो मुंह की नीति के खिलाफ सख्त रुख अपनाया
2. कनेक्टिविटी (Connectivity)
- पारदर्शी और संप्रभुता का सम्मान करने वाले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स का समर्थन
- चीन की BRI (Belt and Road Initiative) से असहमति जताई
3. अवसर (Opportunity)
- प्रौद्योगिकी, व्यापार और ऊर्जा क्षेत्र में विकास के लिए भारत का दरवाजा खुला
दोहरे मापदंड के खिलाफ मजबूत संदेश
PM मोदी ने बहुत साफ शब्दों में कहा:
“भारत आतंकवाद से निपटने में दोहरे मापदंड को स्वीकार नहीं कर सकता।”
यह संदेश सीधे पाकिस्तान के लिए था, जो एक तरफ आतंकवाद के खिलाफ बोलता है और दूसरी तरफ आतंकियों को शरण देता है।
भारत की कूटनीतिक मास्टरस्ट्रोक
इस पूरे घटनाक्रम को भारत की शानदार कूटनीतिक जीत माना जा रहा है। चीन और रूस ने बैलेंसिंग का काम किया ताकि:
- भारत SCO में बना रहे
- पाकिस्तान ज्यादा नाराज न हो
लेकिन नतीजा भारत के पक्ष में आया।
मुख्य बातें एक नजर में:
✅ SCO ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की
✅ पीड़ित परिवारों को शोक संदेश भेजा गया
✅ अपराधियों और प्रायोजकों को न्याय दिलाने की बात कही गई
✅ भारत की मज़बूत स्टैंड को अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिली
✅ पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन
निष्कर्ष
यह घटना दिखाती है कि धैर्य और मजबूत कूटनीति से कैसे भारत अपनी बात मनवा सकता है। पहलगाम हमले की निंदा कराना और आतंकवाद के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का साथ पाना – यह भारत की विदेश नीति की बड़ी सफलता है।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान इस दबाव का कैसे जवाब देता है।
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